गजकेसरी राजयोग Gajkesari rajyoga

क्या होता हैं गज केसरी राज योग, अक्सर आप लोगो ने ये नाम अवश्य सुना होगा जो लोग भी ज्योतिष से थोड़े बहुत भी फेमलियर हैं, यह बहुत ही प्रसिद्ध राज योग है, अक्सर कहा जाता है कि इस योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति वाहन घर मकान सुख और सिंह हाथी के समान प्रशिद्धि पाता है ये उसी प्रकार है , जैसे सिंह वन में अलग दिखता है ठीक उसी प्रकार इस योग वाला व्यक्ति भी अपने आप में एक ओरा लिए हुए होता है, यह उत्तम कोटि का राज योग है, बस इस योग की कुछ शर्तें हैं वो पूरी होनी चाहिये अन्यथा ये राजयोग फलित नहीं हो पाता है, बहुत से लोगो की कुंडली में ये राजयोग है पर उनको इसके परिणाम नहीं दिखाई देते हैं, इसका कारण है कि इस राजयोग की शर्तें को वो कुंडली पूरी नहीं करती है, अगर आप की कुंडली में राजयोग है तो यह लेख आप के लिये महत्वपूर्ण है, सबसे पहले जानते हैं किस प्रकार बनता है ये राजयोग, जब भी गुरु चन्द्र कुंडली में साथ स्थित हो तो ये राजयोग बनता है, अथवा गुरु चन्द्रमा से चौथे सातवें दसवें भाव में हो तो इस राजयोग का निर्माण होता है।
अब इतना देख कर कुछ ज्योतिषी कह देते हैं कि आप की कुंडली में तो राज योग है, पर कुछ शर्तें हैं उन्हें पूरी करना आवश्यक है, गुरु चन्द्र पर कोई पाप प्रभाव नहीं होना चाहिए, जैसे शनि राहु केतु की दृस्टि नहीं हो, गुरु नीच राशि के न हो, गुरु या चन्द्र 6,8,12 भाव के स्वामी न हों, अथवा किसी नीच ग्रह से युति न हो, और जिस भाव में यह योग बन रहा हो उस भाव के स्वामी भी बाली होना चाहिए, नवमांश कुंडली में गुरु चन्द्र पीड़ित न हों, और न ही नीच राशि के हों, दुःस्थान भाव में भी यह युति न हो, तब इस योग के पूर्ण फल मिलते हैं जैसा शाश्त्रो में वर्णन मिलता है। तो आप समझ गए होंगे गजकेसरी योग के बारे में।

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